डायबिटीज (Diabetes) एक बढ़ती हुई चुनौती है क्योंकि यह सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर रहा है. यह पहले से किसी बीमारी से प्रभावित मरीजों में कई और तरह की बीमारियों का भी कारण बनता है. डायबिटीज लंबे समय में शरीर के जरूरी अंगों को प्रभावित करता है. डायबिटीज कुछ सामान्य ओकुलर रुग्णता (Common Ocular Morbidity)की संभावना को भी बढ़ाता है जो मोतियाबिंद और ग्लूकोमा से पीड़ित मरीजों को प्रभावित करते हैं.
बढ़ सकता है ड्राई आई सिंड्रोम का खतरा
डायबिटीज से ड्राई आई सिंड्रोम का खतरा भी बढ़ सकता है. 65 साल या इससे ज्यादा उम्र के डायबिटीज के मरीजों में यह समस्या आम है. मेयो क्लिनिक के अनुसार, ड्राई आई सिंड्रोम एक सामान्य स्थिति है जो तब होती है जब आपकी आंखों में नमी कम होने लगती है. यह परेशान होने वाली बात इसलिए है क्योंकि, इससे आंखों में बैक्टीरिया के हमले का खतरा बढ़ जाता है और कॉर्निया को प्रभावित कर सकता है.
कुछ लक्षण हैं, जो डायबिटीज रोगियों के लिए खतरनाक हो सकते हैं. डायबिटीज के मरीजों को आंखों को लेकर इन लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए.
आंखों में जलन
आंखों में चिपचिपाहट और पानी
लाल आंख और धुंधला दिखाई देना
फोटोफोबिया
डायबिटीज से संबंधित डीईएस वाले मरीजों में सिंड्रोम के बढ़ने पर आंखों में आंसू आना शुरू होने लगता है. अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो भविष्य में ऐसी स्थितियों से केराटोएपिटेलियोपैथी और केराटाइटिस हो सकता है.
इंसुलिन की कमी और सूजन
डायबिटीज के 10 सालों से ज्यादा के मरीजों में ड्राई आई सिंड्रोम का खतरा बढ़ जाता है. इससे आपके अंदर इंसुलिन की कमी हो सकती है. साथ ही सूजन हो सकती है.
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