राजधानी की हवा दिन गुजरने के साथ जहरीली होती जा रही है. बुधवार सुबह दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार दूसरे दिन ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, सुबह 9 बजे दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 414 रहा. इससे पहले मंगलवार को यह आंकड़ा 423 तक पहुंच गया था, जो इस सीजन का सबसे खराब स्तर था.
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद केंद्र सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण को लागू कर दिया है. इसके तहत अब निर्माण कार्यों पर रोक, डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर पाबंदी और ट्रकों की एंट्री पर सख्ती जैसे उपाय लागू किए गए हैं.
दिवाली के बाद से हवा में घुल रहा जहर
दिवाली के बाद से राजधानी की हवा लगातार 'खराब' से 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी हुई है. कई इलाकों में तो स्थिति और भी गंभीर है. आनंद विहार, पंजाबी बाग, आईटीओ और आरके पुरम जैसे इलाकों में AQI 450 के पार दर्ज किया गया है. विशेषज्ञों के मुताबिक, पटाखों के धुएं, पराली, ठंडी हवा और कम हवा की गति ने मिलकर दिल्ली की फिजा को दमघोंटू बना दिया है.
नवंबर के शुरुआती हफ्तों में प्रदूषण का स्तर हर साल बढ़ता है, क्योंकि इस दौरान उत्तर भारत में तापमान गिरने लगता है और हवा में नमी बढ़ जाती है. इससे प्रदूषक कण जमीन के पास ही फंसे रहते हैं और हवा साफ नहीं हो पाती.
तापमान में भी गिरावट, कोहरा बढ़ने की संभावना
राजधानी में प्रदूषण के साथ ठंड भी दस्तक दे रही है. बुधवार को न्यूनतम तापमान 10.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के सामान्य तापमान से करीब 3 डिग्री कम है. मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि दिन का अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है. सुबह के वक्त कई इलाकों में हल्का कोहरा भी छाया रहा. आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट हो सकती है, जिससे सुबह-शाम ठंड का असर बढ़ेगा.
ऐसा ही रहा तो ग्रैप का चौथा चरण भी लागू हो सकता है
अगर हवा की स्थिति इसी तरह बिगड़ती रही, तो ग्रैप का चौथा चरण भी लागू किया जा सकता है. इसमें स्कूल बंद करने, निजी वाहनों की आवाजाही सीमित करने और दफ्तरों में 'वर्क फ्रॉम होम' जैसी सख्त पाबंदियां शामिल हैं.
इस बीच डॉक्टरों ने लोगों को स्वास्थ्य सावधानी बरतने की सलाह दी है. विशेषज्ञों के मुताबिक, प्रदूषित हवा में लंबे समय तक रहने से सांस की बीमारियां, खांसी, गले में जलन और आंखों में खुजली जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं. बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा के मरीजों को विशेष सतर्क रहने की जरूरत है.
दिल्ली वासियों को मास्क पहनने की सलाह
फिलहाल राजधानी की हवा में राहत के आसार नहीं दिख रहे. प्रदूषण नियंत्रण एजेंसियां उम्मीद जता रही हैं कि अगर पश्चिमी विक्षोभ के कारण हवा की गति बढ़ी, तो अगले कुछ दिनों में स्थिति में थोड़ी सुधार आ सकता है. लेकिन जब तक ठंडी हवा और धुएं का मेल जारी रहेगा, दिल्ली वासियों को मास्क पहनकर ही सांस लेनी होगी.