एशियन गेम्स में इंडिया की शान, जुजुत्सु की महारथी रोहिणी कलम ने की आत्महत्या.. कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं

रविवार को देवास शहर के अर्जुन नगर, राधागंज स्थित उनके आवास पर छोटी बहन रोशनी कलम ने कमरे रोहिणी को फंदे से लटका पाया.

gnttv.com
  • देवास,
  • 27 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 12:47 PM IST

एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली जुजुत्सु खिलाड़ी रोहिणी कलम (35) का शव फांसी के फंदे से लटका मिला. रविवार को देवास शहर के अर्जुन नगर, राधागंज स्थित उनके आवास पर छोटी बहन रोशनी कलम ने कमरे में शव देखा. इसके बाद उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. घटना ने पूरे खेल जगत को झकझोर कर रख दिया है. घटना के समय उनकी मां अपनी एक अन्य बेटी के साथ देव दर्शन के लिए बाहर गई हुई थीं, जबकि पिता भी किसी काम से घर से बाहर थे.

स्कूल से चल रही थीं परेशान
रोहिणी की छोटी बहन रोशनी ने बताया कि रोहिणी वर्तमान में आष्टा के एक निजी स्कूल में मार्शल आर्ट कोच के पद पर कार्यरत थीं. स्कूल की ओर से वह कुछ परेशान चल रही थी. शनिवार को ही देवास स्थित अपने घर आईं. सुबह उन्होंने सामान्य रूप से चाय-नाश्ता किया था और किसी से फोन पर बात भी की थी. बाद में वह अपने कमरे में चली गई और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया.

कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं
जुजुत्सु खिलाड़ी और कोच रोहिणी के पिता बैंक नोट प्रेस के रिटायर्ड कर्मचारी है. घटनास्थल से फिलहाल कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. कारणों का पता नहीं चल पाया है. बैंक नोट प्रेस थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और अज्ञात कारणों से हुई इस आत्महत्या की जांच शुरू कर दी है.

रोहिणी की खेल में उपलब्धियां
रोहिणी ने हांगझोऊ में हुए 19वें एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. साथ ही बर्मिंघम में आयोजित विश्व खेलों के लिए वह चुनी जाने वाली एकमात्र भारतीय खिलाड़ी थीं. उन्होंने एशियाई जुजुत्सु चैंपियनशिप टूर्नामेंट में भारत के लिए कई पदक जीते हैं. साथ ही थाईलैंड ओपन ग्रैंड प्रिक्स 2022 में बैंकॉक में आयोजित इस टूर्नामेंट में उन्होंने 48 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया. 8वीं एशियाई जुजुत्सु चैंपियनशिप 2024 में अबू धाबी में युगल क्लासिक स्पर्धा में कांस्य पदक जीता. कॉम्बैट गेम्स में सऊदी अरब में हुए कॉम्बैट गेम्स के लिए भी क्वालीफाई किया था. रोहिणी ने 2007 में अपने खेल जीवन की शुरुआत की थी और 2015 से पेशेवर रूप से जुजुत्सु में भाग लिया.

परिवार की सबसे बड़ी बेटी

रोहिणी चार बहनों और एक भाई में सबसे बड़ी थी. पिता ने बताया कि वह शादी के लिए मना कर देती थी. उसकी आईपीएस बनने की इच्छा थी. बीते दो साल से विक्रम अवॉर्ड के लिए भी प्रयास कर रही थी लेकिन चयन नहीं हुआ था. छोटी बहन रोशनी ने बताया कि करीब 5 माह पहले पेट की गठान का ऑपरेशन हुआ था, इसके बाद से वह परेशान थी. आष्टा के जिस स्कूल में मार्शल आर्ट की कोच थी, वहां के प्रिंसिपल भी काफी परेशान कर रहे थे.

क्या होता है जुजुत्सु?
जुजुत्सु एक प्राचीन जापानी मार्शल आर्ट है, जो मुख्य रूप से स्वरक्षा और दुश्मन को बिना हथियार के काबू करने की तकनीकों पर आधारित है. इसे जापान के समुराई योद्धाओं ने विकसित किया था ताकि वे ऐसे हालात में भी लड़ सकें जब उनके पास तलवार या अन्य हथियार न हों.

-शकील खान की रिपोर्ट

 

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