सावन के महीने में कांवड़ यात्रा के दौरान आस्था और भक्ति के कई रंग देखने को मिल रहे हैं. मुजफ्फरनगर में एक महिला आशा अपने दिव्यांग पति को पीठ पर बैठाकर लगभग 150 किलोमीटर की पैदल कांवड़ यात्रा कर रही है. महिला 14 जुलाई को हरिद्वार से चली है और मोदीनगर स्थित अपने गांव तक इसी तरह जाएगी. महिला ने बताया कि "मेरी मन्नत ये है भोलेनाथ से जैसे मेरे पति पहले पैरों पर खड़े थे ऐसे मेरे पति अब भी पैरों पे ऐसे ही खड़े हो जाए". उनके पति के रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन के बाद से पैर नहीं चल रहे हैं. यह उनकी 14वीं कांवड़ यात्रा है.