scorecardresearch

73 साल के किरण सेठ ने शुरू की कश्मीर से कन्याकुमारी तक की साइकिल यात्रा...गांधी जयंती पर राजघाट पहुंचकर बापू को दी श्रद्धांजलि

73 साल के किरण सेठ ने श्रीनगर से दिल्ली तक का 1200 किलोमीटर का सफर साइकिल पर तय किया. गांधी जयंती के दिन वो राजघाट पहुंचे और गांधी जी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

Solo Cycle Journey (Representative Image) Solo Cycle Journey (Representative Image)
हाइलाइट्स
  • रास्ते में हो गया था डिहाइड्रेशन

  • रोजाना चलाते हैं 30 से 60 किमी. साइकिल

कहते हैं कि अगर मन में हिम्मत और दिल में लगन हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है. ऐसे में इंसान अपनी उम्र भी भूल जाता है. ऐसा ही कुछ कारनामा कर दिखाया है 73  साल के किरण सेठ ने. पद्मश्री पुरस्कार (Padma Shree Awardee) से सम्मानित किरण सेठ श्रीनगर से करीब 1,200 किलोमीटर साइकिल चलाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने रविवार सुबह राजघाट पहुंचें. किरण सेठ, स्पिक-मैके (Spic-Macay)के फाउंडर हैं, वो श्रीनगर से कन्याकुमारी तक अकेले साइकिल यात्रा पर हैं.

गांधी जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी के "सादा जीवन और उच्च विचार" के संदेश का प्रसार करते हुए, सेठ जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश से साइकिल चलाकर राजघाट पहुंचे. सेठ की साइकिल यात्रा 15 अगस्त को श्रीनगर से शुरू हुई है. 31 जनवरी 2023 को कन्याकुमारी में वो अपनी यात्रा को समाप्त करेंगे. 

रास्ते में हो गया था डिहाइड्रेशन
सेठ ने टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से कहा कि अलग-अलग मौसम की परिस्थितियों में लगभग 1,200 किलोमीटर साइकिल चलाना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन अगर किसी चीज से प्यार हो जाए तो आपको कोई चीज भी नहीं रोक सकती. उन्होंने कहा, ''जब मैं अंबाला पहुंचा, तो मुझे दस्त हो गए क्योंकि पानी और भोजन की कमी की वजह से मुझे दिक्कत हो रही थी. हालांकि, जैसा कि मुझे एक कार्यक्रम का पालन करना था और अपनी साइकिल यात्रा समय पर समाप्त करनी थी, मैंने वापस से पैडल मारना शुरू कर दिया." किरण सेठ एक रात मच्छरों के कारण सो भी नहीं पाए, लेकिन फिर भी मोदीनगर से सुबह 7.30 बजे तय कार्यक्रम के अनुसार राजघाट पहुंचने के लिए उन्होंने अपनी यात्रा शुरू की.

रोजाना चलाते हैं 30 से 60 किमी. साइकिल
सेठ हर दिन 30 से 60 किलोमीटर साइकिल चलाकर दो से चार घंटे में अपने गंतव्य तक पहुंच जाते हैं. वो हर शहर में रुकते हैं और भारत की समग्र विरासत और पर्यावरण और संस्कृति जैसे अन्य विषयों के बारे में छात्रों से बात करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों का दौरा करते हैं.

किरण सेठ हर रोज योग करते हैं जिसकी वजह से इस उम्र में भी वो इतने ज्यादा सक्रिय और फिट हैं. उन्होंने कहा कि साइकिल चलाना सिर्फ एक व्यायाम नहीं था, बल्कि उनके लिए ध्यान का एक रूप था. उन्होंने अपनी यात्रा का लक्ष्य ये बताया कि वो युवाओं को आकर्षित करना चाहते थे ताकि वो भी अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख सकें और साथ-साथ पर्यावरण को स्वस्थ रखने में मदद कर सकें.