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जम्मू-कश्मीर के सिंघम कहे जाने वाले IPS बसंत रथ ने दिया इस्तीफा, जुड़ सकते हैं राजनीति से

जम्मू-कश्मीर में IPS बसंत रथ को सिंघम के नाम से जाना जाता है. रथ ने रविवार को अपना इस्तीफा दिया और संकेत दिया है कि वह राजनीति से जुड़ सकते हैं. आपको बता दें कि रथ अपने अच्छे कामों के साथ-साथ विवादों के लिए भी फेमस हैं.

IPS Basant Rath (Photo: Twitter) IPS Basant Rath (Photo: Twitter)
हाइलाइट्स
  • जम्मू और कश्मीर कैडर के 2000 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं बसंत रथ

  • पॉलिटिक्स में कर सकते हैं एंट्री

जम्मू और कश्मीर के 'सिंघम' यानी कि आईपीएस अधिकारी बसंत रथ ने भारतीय पुलिस सेवा से रविवार को इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपने इस्तीफे की एक तस्वीर ट्वीट की और संकेत दिया कि वह राजनीति के "महान पेशे" (Noble Profession) में शामिल होने के लिए जा रहे हैं.

उन्हें गृह मंत्रालय (एमएचए) ने 2020 में कथित 'घोर कदाचार' (Gross Misconduct) के लिए निलंबित कर दिया था. उनका सस्पेंशन तब आया जब उन्होंने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. 

DGP से सोशल मीडिया पर बहस 
बताया जाता है कि रथ और सिंह साल 2020 में सोशल मीडिया पर हुए एक झगड़े में शामिल थे. सोशल मीडिया पर वर्ड वॉर में रथ ने कथित तौर पर 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी सिंह को "दिल्लू" के रूप में संदर्भित किया था और उनके खिलाफ भूमि हड़पने और मिलीभगत का आरोप लगाया था. इस बात को 'अपमानजनक'  माना गया.

इस विवाद के बावजूद, जम्मू और कश्मीर कैडर के 2000 बैच के आईपीएस अधिकारी, रथ की फैन फॉलोइंग कम नहीं है. उनकी इस फैन फॉलोइंग का कारण है उनकी पुलिसिंग शैली का प्रभावी तरीका, जो उन्होंने आईजीपी के रूप में यातायात को नियंत्रित करने में दिखाया था. 

लोगों की मदद कर मिली ख्याति
जेएनयू के पूर्व छात्र रथ ने कश्मीर में अपनी पोस्टिंग के दौरान काफी ख्याति अर्जित की. उन्होंने यहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को मुफ्त किताबें वितरित की. बताया गया कि वह अक्सर श्रीनगर के पिस्सू बाजार का दौरा करते हैं और हर हफ्ते सैकड़ों पुस्तकों का अपना स्टॉल लगाते थे ताकि कोई भी मुफ्त में किताब ले सके. 

लोकप्रिय फिल्म निर्देशक महेश भट्ट ने एक बार रथ पर फिल्म बनाने में रुचि दिखाई थी. आईपीएस अधिकारी ने ओन मी, श्रीनगर शीर्षक से छंदों का एक संग्रह लिखा है. जिस कारण भट्ट ने उन्हें एक 'गूढ़ कवि' कहा. 

अच्छे कामों के साथ विवादों से भी नाता 
ओडिशा में जन्मे अधिकारी रथ अपने करियर में विवादों और अच्छे कामों, दोनों के लिए समान रूप से सुर्खियों में रहे हैं. आईजीपी ट्रैफिक के रूप में, उन्होंने सेना के कई अधिकारियों और राजनेताओं को भी नियमों का पालन नहीं करने के लिए फटकार लगाई थी. इस कारण वह उनकी नजरों में चढ़ गए. 

2018 में, अपने एक सीनियर के साथ विवाद में शामिल थे, जिसके कारण उन्हें आईजीपी ट्रैफिक के पद से हटा दिया गया था. नवंबर 2018 में आईजीपी होम गार्ड्स में उनका ट्रांसफर श्रीनगर के पूर्व मेयर और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता जुनैद मट्टू के साथ बहस के कुछ दिनों बाद हुआ. 

उसी साल उन्होंने एक युवक को थप्पड़ भी मारा जिसका वीडियो वायरल हुआ. इस घटना से मीडिया में रोष था क्योंकि वीडियो में दिख रहे युवक को पत्रकार बताया गया था. हालांकि, रथ ने बाद में एक बयान जारी कर दावा किया कि उन्हें अपने फैसले पर खेद है, लेकिन तब तक कई राजनीतिक नेताओं ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. 

बोलने से नहीं डरते हैं रथ
2018 में आईजीपी ट्रैफिक के रूप में कार्यभार संभालने के ठीक बाद उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में, "सुरक्षा" के रूप में उपयोग के लिए हेलमेट और कंडोम के बीच तुलना की. उन्होंने एक बार एक टीवी न्यूज एंकर को खुला पत्र भी लिखा था, जिसमें जम्मू-कश्मीर में रहने वाले लोगों की दुर्दशा को उजागर नहीं करने और जेएनयू के छात्रों को 'राष्ट्र-विरोधी' कहने के लिए उनकी आलोचना की थी. 

हालांकि, पॉलिटिक्स में रथ कब और कैसे एंट्री कर रहे हैं, यह समय ही बताएगा. लेकिन देखना यह होगा कि पुलिस की तरह रथ क्या राजनीति के 'सिंघम' बन सकेंगे.