14 मई 1948 को इजराइल ने आजादी की घोषणा की, जिसके बाद पांच अरब देशों ने उस पर हमला कर दिया. 1950 के दशक के अंत में, फ्रांस की मदद से इजराइल ने डिमोना में एक गुप्त परमाणु सुविधा पर काम शुरू किया. इजराइल ने अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर हमेशा अस्पष्टता की नीति अपनाई है, न कभी पुष्टि की और न ही खंडन. इजरायल के परमाणु कार्यक्रम के बारे में खबरें लीक हुई जानकारी और एक पूर्व वैज्ञानिक मोरदेखाई बुलूनू के खुलासों पर आधारित हैं, जिन्होंने 1986 में इजराइल की अहम परमाणु क्षमता का खुलासा किया था. "आज दुनिया जानती है कि इजराइल के पास परमाणु हथियार है, भले ही वो खुद इसे खुलकर स्वीकार न करता हो.