scorecardresearch

Bande Mei Hai Dum: शुभांशु की कामयाबी का सफर, करोड़ों भारतीयों को देता है प्रेरणा!

शुभांशु शुक्ला की कामयाबी की दास्तान करोड़ों हिंदुस्तानियों को प्रेरणा देने वाली है. 12 दिसंबर 2001 को अपनी बहन की शादी के दिन, बिना किसी को बताए, 16 साल के शुभांशु नेशनल डिफेंस एकेडमी का लिखित एग्जाम देने चले गए थे. रात भर जागने और थकान के बावजूद, उन्होंने साइकिल से जाकर परीक्षा दी और फिर घर आकर परिवार के कामों में जुट गए. उनकी यह चट्टानी इच्छाशक्ति और काम के प्रति समर्पण बचपन से ही उनमें मौजूद था.