इस बार की शिवरात्रि अपने आप में बड़ी महत्वपूर्ण है. राहु का आद्रा नक्षत्र, गज केसरी योग, मालव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और बुद्धादित्य योग जैसे कई शुभ योग बन रहे हैं. शुक्र अपनी स्वराशि वृषभ में हैं, और शनिदेव जल तत्व राशि मीन में गोचर कर रहे हैं. 30 वर्ष बाद ऐसा संयोग बन रहा है. यह वर्ष मंगल का वर्ष है और इसमें कई उत्पाद देखे गए हैं, लेकिन इस शिवरात्रि की प्रार्थना सफल होने वाली है.