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LVM-3 Launching: भारत का सबसे भारी Launch Vehicle... 36 ब्रॉडबैंड सैटेलाइट के साथ होने जा रहा है लॉन्च, दुनिया को बेहतर कनेक्टिविटी देना है उद्देश्य 

भारत का सबसे भारी Launch Vehicle LVM-3 लॉन्च होने जा रहा है. ये 36 ब्रॉडबैंड सैटेलाइट के साथ लॉन्च होने वाला है. इसका उद्देश्य दुनिया को बेहतर कनेक्टिविटी देना है.

Launch Vehicle (Photo: ISRO) Launch Vehicle (Photo: ISRO)
हाइलाइट्स
  • वनवेब सैटेलाइट का ये दूसरा लॉन्च है 

  • इसकी बदौलत दुनियाभर में मिलेगी बेहतर कनेक्टिविटी 

भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो नित नए आयाम गढ़ रही है. अब इसी में आगे बढ़ते हुए इसरो अपना दूसरा कमर्शियल स्पेस लॉन्चिंग करने की तैयारी में है. 26 मार्च को भारत का सबसे भरी लॉन्च व्हीकल को लिफ्ट ऑफ किए जाने की तैयारी है. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने लॉन्च व्हीकल मार्क-III (LVM-III) को 36 वनवेब (OneWeb) सैटेलाइट के साथ लॉन्च पैड पर ट्रांसफर कर दिया है. 

भारत का सबसे भारी लॉन्च व्हीकल 26 मार्च को 36 ब्रॉडबैंड सैटेलाइट के साथ लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) के लिए रवाना होने वाला है. 

वनवेब सैटेलाइट का ये दूसरा लॉन्च है 
 
बताते चलें कि यह भारत से वनवेब सैटेलाइट का दूसरा लॉन्च होगा. पहला लॉन्च पिछले साल अक्टूबर में किया गया था. जबकि इसबर लॉन्च 26 मार्च को सुबह 9:00 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से होने वाला है. इसकी कवरेज भी वैश्विक स्तर पर होने वाली है. गौरतलब है कि यूनाइटेड किंगडम स्थित कंपनी, यूके सरकार और भारत की भारती कंपनी इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. 

इसकी बदौलत दुनियाभर में मिलेगी बेहतर कनेक्टिविटी 

इनका उद्देश्य 588-सैटलाइट को स्पेस में भेजना है और वहां इनका एक मजबूत ग्रुप बनाना है. जिसकी बदौलत दुनिया भर में हाई स्पीडस, लो लेटेंसी ग्लोबल कनेक्टिविटी दी जा सकेगी. ये सैटेलाइट 12 रिंग्स में होंगी, जिसमें हर रिंग में 49 सैटेलाइट होने वाली हैं. 

वहीं पिछले मिशन की बात करें, तो 36 सैटेलाइट को सटीक तरीके से पृथ्वी के चारों ओर 600 किलोमीटर की गोलाकार ऑर्बिट में लॉन्च किया गया था. हालांकि, सैटेलाइट को पैटर्न में लॉन्च करना सबसे बड़ी चुनौती है. रविवार को लॉन्चिंग के दौरान लॉन्च व्हीकल के सामने भी यही चुनौती आने वाली है. 

भारत और कमर्शियल स्पेस मार्किट 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस के सीनियर फेलो अजय लेले ने कहा कि कमर्शियल स्पेस मार्किट में भारत ध्यान केंद्रित करने में कामयाब रहा है. इससे पहले वनवेब सैटेलाइट शुरू में रूस के द्वारा लॉन्च किए जाने थे. हालांकि भारत के इसरो ने इसमें अपनी जगह बनाई. भारत का कमर्शियल मार्केट में केवल लगभग 2 प्रतिशत ही हिस्सा है. अभी इसे और बढ़ाने की जरूरत है.