electrical impulses found in mushroom
electrical impulses found in mushroom पेड़ पौधों के बारे में अगर कोई सबसे नई बात हो तो वो क्या होगी.. यकीनन ही आपके दिमाग में आएगा कि हो सकता है किसी नए फसल की पैदावार हुई है वो भी बंजर भूमी पर या फिर किसी मर्ज का इलाज पूरी तरह से सिर्फ किसी एक सब्जी या फल को खा कर ठीक कर लेनाजैसा कुछ होगा. लेकिन इसमें कुछ नयापन नहीं है , नयापन इसमें है जब कोई सब्जी इंसान की तरह बात कर ले. इंसान की तरह गपशप कर ले.. चाहे तो किसी की अच्छाई कर ले या चाहे तो किसी की बुराई कर दे. यकीन करना मुश्किल है लेकिन यही सच है. एक स्टडी के मुताबिक प्रोटीन का रिच सोर्स माने जाने वाले मशरूम आपस में बात कर सकते हैं. इतना ही नहीं उनकी 50 शब्दों (50 words vocabulary) की अपनी डिक्शनरी है, जिससे वो तमाम गॉसिप कर लेते हैं.
फंगी की चार प्रजातियों की इलेक्ट्रिक एक्टिविटी (Fungus Electric Activity) पर एक स्टडी हुई है . इसके मुताबिक मशरूम के इलेक्ट्रिकल इम्पल्सेज़ इंसानों की भाषा जैसे ही होते हैं और उनके पास दर्जनों शब्दों का भंडार है. ये रिसर्च यूनिवर्सिटी ऑफ द वेस्ट ऑफ इंग्लैंड के प्रोफेसर एंड्र्यू एडमैट्ज़्की ने की है.
मशरूम भी करते हैं गॉसिप !
इस सिलसिले में प्रोफेसर एंड्रयू ने कहा है फंगी के स्पाइकिंग पैटर्न और इंसानों की भाषा में कोई रिश्ता है या नहीं, इस बारे में जानकारी नहीं है लेकिन फंगी आपस में कम्युनिकेशन कर सकते हैं. एंड्रयू का दावा है कि फंगी में दिमाग और चेतना दोनों ही होती है. उनका कहना है कि फंगल शब्दकोष में 50 शब्द हो सकते हैं, लेकिन वे इनमें से 15-20 शब्दों का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने ये रिसर्च एनोकी (enoki), स्प्लिट गिल (split gill), घोस्ट (ghost) और कैटरपिलर फंगी (caterpillar fungi) पर की है. ये स्टडी Royal Society Open Science में छपी है.
आपस में इस तरह की बातें करते हैं फंगी
प्रोफेसर एंड्रयू के मुताबिक हर फंगल शब्द की औसत लंबाई 5.97 अक्षरों की होती है, बता दें कि ये इंसानों के शब्दों से थोड़ बड़ी होती है. स्टडी में बताया गया है कि मशरूम आपपस में मौसम और आने वाले खतरों से जुड़ी जानकारियां देते हैं. इलेक्ट्रिक एक्टिविटी पैटर्न का विश्लेषण करके रिसर्चर्स ने ये अजीबोगरीब निष्कर्ष निकाला है. हालांकि सभी वैज्ञानिक इसे पूरी तरह नहीं मान रहे. गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर के डैन बेबर ने कहा है कि इस पर और रिसर्च की ज़रूरत है, इलेक्ट्रिक एक्टिविटी को लैंग्वेज करार दे देना जल्दबाज़ी होगी.