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सरकार और पार्टी बचाने के लिए उद्धव का मंथन

शिवसेना के बागी विधायकों के अपने स्टैंड पर कायम रहने की वजह से शिवसेना का दो फाड़ होना निश्चित हो चुका है. उद्धव कैंप की बागियों को मनाने की तमाम कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं. उनकी तरफ से बागियों को दिया गया अल्टीमेटम खत्म हो गया है और उद्धव भी ये समझ चुके हैं कि बागियों के वापस लौटने की संभावना न के बराबर है इसलिए उन्होंने शिंदे समर्थक विधायकों पर कार्रवाई शुरु कर दी है. शिवसेना ने एकनाथ शिंदे की जगह अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बना दिया है. इसके अलावा उन्होंने शिंदे कैंप के 16 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए डिप्टी स्पीकर से गुजारिश की है. एकनाथ शिंदे के साथ अब शिवसेना के 2 तिहाई से ज्यादा विधायक हो गए हैं. ऐसे में शिंदे ने न केवल अपने 37 विधायकों के समर्थन वाली चिट्ठी जारी की है बल्कि उन्होंने डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल को पद से हटाने के लिए नोटिस भी दिया है.

With the rebel MLAs of Shiv Sena continuing to stand on their stand, the split of Shiv Sena is certain. All efforts to persuade the rebels of Uddhav Camp have failed. The ultimatum given by him to the rebels is over and Uddhav has also understood that the chances of the rebels to return are negligible, so they have started action against the pro-Shinde MLAs.