भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा अपनी मौसी के घर गुंडीचा मंदिर से पुरी मंदिर के लिए रवाना हुए. यह बहुड़ा रथ यात्रा उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. लाखों श्रद्धालु अपने आराध्य की घर वापसी की यात्रा में शामिल हुए. 27 जून को जगन्नाथपुरी मंदिर से यात्रा का शुभारंभ हुआ था. इस दौरान भक्त नाचते-गाते और झूमते हुए आगे बढ़ रहे हैं. एक भक्त ने कहा, "अपने आप को अपना मंदिर अपना रत्न सिहासन छोड़कर बाहर सड़कों पर आ जाएंगे कि अब मैं अपने भक्तों से मिलना चाहता हूँ." बहुड़ा यात्रा को भक्त और भगवान के मिलन का पर्व बताया गया है, जहाँ एक रस्सी के सहारे भक्त अपने भगवान को खींचते हैं. अधरपणा नीती और नीलाधि बीचि अनुष्ठान जैसे रीति-रिवाज भी इस यात्रा का हिस्सा हैं.