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काल भैरव जयंती पर 40 साल बाद महासंयोग, शनि-राहु दोष से मुक्ति के लिए जानें अचूक उपाय और शुभ मुहूर्त

12 नवंबर 2025 को मनाई जा रही काल भैरव जयंती इस वर्ष ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि 40 वर्षों के बाद ब्रह्म योग, शुक्ल योग और आश्लेषा नक्षत्र का एक दुर्लभ महासंयोग बन रहा है. गुड न्यूज़ टुडे पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में ज्योतिष विशेषज्ञों ने इस दिन के महत्व पर प्रकाश डाला. विशेषज्ञों के अनुसार, 'समय के स्वामी' और 'काशी के कोतवाल' के रूप में पूजे जाने वाले काल भैरव की उपासना व्यक्ति को हर प्रकार के भय, रोग और शत्रुओं से मुक्ति दिलाती है.