सावन में साग नहीं खाने के 7 कारण 

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सावन के महीने में कई घरों में साग खाना मना होता है. दरअसल, इसके पीछे सिर्फ धार्मिक कारण ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारण भी है. 

भगवान शंकर को प्रकृति से प्रेम है. सावन में साग-पात को तोड़ना उन्हें अप्रसन्न करता है.

सावन के महीने में खूब बारिश होती है. इस वजह से साग और पत्तेदार सब्जियों में कीड़े लगने लगते हैं, जिन्हें खाना सेहत के लिए ठीक नहीं होता है.

पालक व अन्य साग की पत्तियों के बीच नमी रहने से इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, जिससे पेट दर्द, फूड पॉइजनिंग, उल्टी-दस्त जैसी समस्याएं आपको हो सकती हैं.

साग की तासीर ठंडी और भारी होती है, जो पाचन को कमजोर करती है. इसी के साथ बारिश के दिनों में साग खाने से गैस, अपच, जोड़ों की दर्द की समस्याएं बढ़ सकती हैं.

साग में मौजूद बैक्टीरिया और कीड़े पेट में इन्फेक्शन पैदा कर सकते हैं. आयुर्वेद के मुताबिक सावन में साग का सेवन पाचन क्रिया को बाधित कर सकता है.

साग खाने से बात की समस्या बढ़ जाती है, जिससे जोड़ों में दर्द होता है.

कुछ लोगों को साग खाने से स्किन एलर्जी या रेसेज की समस्या हो जाती है.

बैंगन, गोभी और पत्ता गोभी जैसी कुछ सब्जियों के सेवन से सावन के मौसम में परहेज करना चाहिए.