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अस्थमा एक क्रॉनिक फेफड़ों की बीमारी है, जिसमें सांस की नलियों में सूजन और सिकुड़न हो जाती है. इसके कारण सांस लेने में कठिनाई, खांसी, छाती में जकड़न और सीटी जैसी आवाज आना आम लक्षण हैं.
बदलते मौसम में अस्थमा मरीजों को अपनी सेहत का खास ध्यान रखना चाहिए क्योंकि यह मौसम उनके लिए ज्यादा नुकसानदेह हो सकता है.
अस्थमा मरीजों के लिए बदलते मौसम में सतर्क रहना बेहद जरूरी है. सबसे पहले, अपनी दवाइयों और इनहेलर का नियमित इस्तेमाल करें और डॉक्टर द्वारा बताई गई खुराक लें.
मौसम के अनुसार घर के वातावरण को साफ और धूल-मुक्त रखें. ठंडी हवा या बारिश में बाहर जाने से बचें और अगर जाना जरूरी हो तो मास्क पहनें.
एक्सरसाइज और योग से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है, लेकिन मौसम के अनुसार हल्का अभ्यास ही करें. सर्दियों में कमरे में नमी बनाए रखें और गर्मियों में हवादार स्थान में रहें.
अचानक खांसी या सांस लेने में दिक्कत महसूस होने पर तुरंत इमरजेंसी संपर्क करें. अस्थमा को कंट्रोल में रखने के लिए नियमित चेकअप और फेफड़ों की जांच भी जरूरी है.
अस्थमा के मरीजों को धूल, धुआं और प्रदूषण से बचना चाहिए. धूम्रपान कभी नहीं करें. मोटापे से अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं, इसलिए वजन को कंट्रोल में रखें.
ठंडी हवा में बाहर जाने से पहले गर्म और साफ कपड़े पहन लें और शॉल ओढ़ लें.
अस्थमा के मरीजों को ताजे फल, हरी सब्जियां और ओमेगा-3 युक्त खाद्य पदार्थ जैसे अलसी और अखरोट का सेवन करना चाहिए.