कम उम्र में धुंधला दिखाई देना या आंखों की रोशनी कम होने का एक मुख्य कारण न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं.
कम उम्र में दृष्टि को नियंत्रित करने वाली नसों को नुकसान पहुंचने पर आंखों की रोशनी में कमी आ सकती है.
कम उम्र में धुंधला दिखाई देना अनुवांशिक भी हो सकता है. अगर परिवार के किसी सदस्य को ऐल्बिनिज़म रोग या रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा है.
तो इन स्थितियों में बच्चों की आंखें कमजोर हो सकती हैं. कम उम्र में ही धुंधला दिखाई दे सकता है, यहा तक ही अंधापन भी हो सकता है.
आंखों की समस्याएं सिर्फ बढ़ी उम्र में ही नहीं बल्कि कम उम्र के लोगों को भी प्रभावित कर सकती हैं.
जैसे ग्लूकोमा, मोतियाबिंद, रेटिनोब्लास्टोमा और रेटिनल बीमारियां कम उम्र के लोगों में भी देखी जा सकती है.
आंखों की ये समस्याएं कम उम्र के लोगों में आंखों की कम रोशनी का कारण बन सकती हैं. इस स्थिति में आंखों में धुंधलापन आ सकता है.
खराब जीवनशैली के कारण कम उम्र में ही आंखों से जुड़ी कई समस्याएं विकसित हो सकती हैं.
खराब जीवनशैली कम दृष्टि का कारण बन सकती है. खराब खान-पान की आदतें, घंटों तक टीवी देखना, मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल आदि छोटी उम्र में आंखों की रोशनी कम होने के कारण माने जाते हैं.