तम्बाकू सेहत के लिए कितना खतरनाक है ये जानते हुए भी लोग इसके इस्तेमाल से परहेज नहीं करते.
ऐसे में सेहत पर पड़ने वाले इसके खराब प्रभावों के बारे में जागरुकता बढ़ाने और दुनिया भर में तम्बाकू के इस्तेमाल को कम या बंद करने के लिए हर साल 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है.
आज के समय में तंबाकू की लत मुंह व गले के कैंसर का प्रमुख कारण बन रहा है.
जो लोग बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, तंबाकू का सेवन लंबे समय तक करते हैं और मुंह की साफ सफाई भी नहीं रखते हैं. उन्हें कैंसर की बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है.
इसी तरह से शरीर के किसी भी हिस्से में लंबे समय तक घर्षण होने से वहां पर नार्मल सेल, कैंसर सेल में बदल जाते हैं. जिससे उस स्थान पर कैंसर रोग हो जाता है.
ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे इंडिया, 2016-17 के मुताबिक, भारत में लगभग 267 मिलियन वयस्क (कुल वयस्कों की आबादी का 29%) तम्बाकू का उपयोग करते हैं.
भारत में टोबैको के इस्तेमाल का सबसे आम रूप गुटखा, सुपारी, खैनी और जर्दा है.
इसके अलावा स्मोकिंग के रूप में भी तम्बाकू का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जाता है, जिसमें बीड़ी, सिगरेट और हुक्का शामिल हैं.