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दिल्ली में इस वक्त प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है.
हवा में मौजूद जहरीले कण (PM2.5 और PM10) सांस के जरिए शरीर में जाकर फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी है कि आपके फेफड़े हेल्दी हैं भी या नहीं, और अगर नहीं तो कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
सीढ़ियां चढ़कर देखें. अगर जल्दी थकावट या सांस फूलने लग रही है तो ये फेफड़ों की कमजोरी का संकेत है.
अगर प्रदूषण के दिनों में भी सीने में जलन या दबाव महसूस नहीं होता, तो आपके फेफड़े ठीक हैं.
अगर लंबे समय तक खांसी रह रही है या खांसते समय बलगम आ रहा है तो ये आगे चलकर आपके फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है.
3-4 फीट दूर से मोमबत्ती बुझाएं. अगर इसमें मुश्किल हो रही है तो आपके फेफड़ों की हेल्थ ठीक नहीं है.
पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन स्तर नियमित जांचें. अगर यह 95% से नीचे आता है, तो फेफड़ों की क्षमता घट रही है.
सांस लेते हुए अगर छाती में दर्द हो रहा है तो तुरंत फेफड़ों का चेकअप करवाएं.