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डिप्रेशन के इलाज के लिए कई लोग एंटी-डिप्रेसेंट दवाइयां लेते हैं. ये दवाइयां काफी असरदार होती हैं. लेकिन इनके कुछ साइड इफेक्ट्स भी होते हैं.
मिसाल के तौर पर उल्टियां, सिरदर्द, नींद न आना, बेहोशी, मुंह सूखना और सेक्स में दिलचस्पी खत्म हो जाना एंटी-डिप्रेसेंट्स के कुछ साइड इफेक्ट्स हैं.
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कुछ ऐसा है जिससे साइड इफेक्ट्स भी न हों और वह डिप्रेशन से लड़ने में मदद भी करे?
दरअसल कोरिया के रिसर्चर्स ने एक रिसर्च की है, जिसे न्यूट्रिएंट्स नाम के जर्नल में प्रकाशित किया गया है.
यह रिसर्च दावा करती है कि पोटैशियम डिप्रेशन से निपटने में मदद कर सकता है और इसके रिस्क को भी घटा सकता है.
अगर रिसर्च की मानें तो जब शरीर में पोटैशियम की कमी होती है तो न्यूरॉन्स सही तरह से काम नहीं कर पाते.
न्यूरॉन्स वो सेल्स होते हैं जो दिमाग़ के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक सिग्नल लेकर जाते हैं. जब ये ठीक से काम नहीं करते तो दिमाग को सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे केमिकल नहीं मिलते.
सेरोटोनिन और डोपामाइन इंसान को खुशी महसूस करवाने के लिए जिम्मेदार केमिकल होते हैं. इसलिए पोटैशियम को डाइट में शामिल करना बहुत ज़रूरी है.
अगर आप अपनी डाइट में पोटैशियम शामिल करना चाहते हैं तो आपको केले, आलू, शकरकंद, पालक, चना, दूध और दही वगैरह खाना चाहिए.