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बच्चे को मीठा खिलाने का सही समय और तरीका बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है.
नवजात शिशुओं को छह महीने तक केवल मां का दूध या फॉर्मूला दूध देना चाहिए, क्योंकि इस दौरान मीठे पदार्थों की आवश्यकता नहीं होती
छह महीने के बाद, जब बच्चा ठोस आहार शुरू करता है, तो प्राकृतिक मिठास जैसे फलों (केला, सेब, आम) की प्यूरी देना शुरू कर सकते हैं.
कृत्रिम मिठास, चीनी या शहद को एक साल से पहले नहीं देना चाहिए, क्योंकि इससे दांतों में सड़न और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, बच्चों को दो साल तक अतिरिक्त चीनी से बचाना चाहिए, ताकि मोटापा और डायबिटीज का जोखिम कम हो.
अगर मीठा देना हो, तो गुड़ या खजूर जैसे प्राकृतिक विकल्प चुनें, लेकिन कम मात्रा में.
बच्चों को मीठे की आदत डालने से बचें, क्योंकि यह उनके स्वाद की प्राथमिकता को प्रभावित कर सकता है.
मीठे खाद्य पदार्थ हमेशा संतुलित आहार के साथ और सीमित मात्रा में दें. डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ की सलाह लेना सबसे बेहतर है.