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बरसात के मौसम में शायद अपनी स्किन का खयाल रखना बाकी मौसमों से आसान होता है. लेकिन कुछ मिथक हैं जिन्होंने इसे मुश्किल बना दिया है.
आइए जानते हैं उन 5 मिथकों और उनसे जुड़ी गलतियों के बारे में जो इस मानसून आपकी स्किन के लिए बुरी साबित हो रही हैं.
1. मॉइश्चराइजर न इस्तेमाल करना : यह मिथक लोगों के बीच आम है कि बारिश के मौसम में स्किन को मॉइश्चराइजर की जरूरत नहीं होती. ऐसा नहीं है.
नमी के बावजूद, इस मौसम में त्वचा डिहाइड्रेट हो सकती है. हवा में नमी और एयर कंडीशनिंग त्वचा को रूखा कर सकते हैं.
2. सनस्क्रीन इस्तेमाल न करना : बादल छाए रहने पर भी यूवी किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं. कई लोग इस बात को नज़रंदाज़ कर मानसून में मॉइश्चराइजर नहीं लगाते.
बारिश के मौसम में SPF 30 या उससे अधिक वाला ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन लगाएं ताकि त्वचा सूरज की हानिकारक किरणों से सुरक्षित रहे.
3. बारिश का पानी स्किन पर लगने देना : बारिश का पानी प्रदूषकों और एसिड से दूषित हो सकता है. यह त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है.
बारिश में भीगने के बाद त्वचा को साफ पानी और माइल्ड क्लींजर से धोएं ताकि जलन और मुहांसे से बचा जा सके.
4. ऑयली स्किन को क्लेंज़ न करना : नमी के कारण ऑयली स्किन पर अतिरिक्त सीबम और गंदगी जमा हो सकती है. इससे स्किन पोर्स बंद हो सकते हैं.
बारिश में भी दिन में दो बार जेंटल, फोमिंग क्लींजर से चेहरा धोएं ताकि त्वचा साफ और स्वस्थ रहे.
5. एक्सफोलिएशन न करना : नियमित एक्सफोलिएशन (हफ्ते में 1-2 बार) मृत त्वचा को हटाने और पोर्स को साफ रखने में मदद करता है.
नमी के कारण त्वचा पर गंदगी जमा हो सकती है, इसलिए जेंटल एक्सफोलिएटर का इस्तेमाल करें.