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सावन का महीना चल रहा है. कई लोग इसी चिंता में रहते हैं कि इस माह शराब पी सकते हैं कि नहीं जबकि सावन में लहसुन-प्याज तक खाना मना होता है.
कई लोगों यह तर्क देते हैं कि देसी शराब फूल और अनाज से बनती है लेकिन सवाल यही कि क्यों मना है सावन में शराब पीना.
ज्योतिष के अनुसार सावन में जो लोग शराब का सेवन करते हैं, उन्हें स्वास्थ्य, आर्थिक और पारिवारिक समस्याएं आती हैं. इसके कारण लोगों को मानसिक तनाव झेलना पड़ सकता है.
सावन हमारे शरीर की अंदरूनी शांति का महीना है और शराब मस्तिष्क को अशांत करने का काम करती है. ऐसे में सावन में शराब नहीं पीनी चाहिए.
शराब पीने से ब्लड प्रेशर और कॉलेस्ट्रोल बढ़ता है, जिससे हार्ट अटेक का खतरा बढ़ने लगता है.
देसी शराब फूल और अनाज को सड़ा-गलाकर बनाई जाती है. बरसात में फंगस ऐसी चीजों पर जल्दी लगता है, जिससे शराब और जहरीली बन जाती है. ऐसे में शराब नहीं पीनी चाहिए.
आयुर्वेद के अनुसार सावन में शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है और शराब जैसी चीजें बीमारियों का कारण बन सकती हैं.
सावन का महीना वर्षा का होता है, जिसमें पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है. शराब जिसे अम्लीय और गर्म माना जाता है, पाचन क्रिया को और भी बाधित कर सकती है.
शराब पीने से सबसे ज्यादा नुकसान लिवर को होता है. इसकी वजह से कई बार तो लिवर में कैंसर तक होने की शिकायत सामने आती हैं.