जिंदगी में इन 4 चीजों से कभी संतुष्ट नहीं होता इंसान

आचार्य चाणक्य को उनकी नीतियों के लिए हमेशा याद किया जाता है. आइए जानते हैं चाणक्य के अनुसार किन 4 चीजों से व्यक्ति कभी संतुष्ट नहीं हो पाता है.

इंसान जीवन में सुख की प्राप्ति के लिए जीवन भर भटकता रहता है. मनुष्य जीवन भर ऐसी चीजों की तलाश में रहता है जिससे वह एक बेहतर जीवन जी सकें.

हतर जीवन के लिए व्यक्ति धन-दौलत, ऐश्वर्य, सुख, सम्मान शारीरिक व मानसिक आराम पाने के लिए संघर्ष करता है. इन सबके बावजूद भी व्यक्ति कुछ चीजों में हमेशा असंतुष्ट रहता है.

धनेषु जीवितव्येषु स्त्रीषु भोजनवृत्तिषु, अतृप्ता: मानवा: सर्वे याता यास्यन्ति यान्ति च॥ इस श्लोक में चाणक्य कहना चाहते हैं कि व्यक्ति कितना भी धन क्यों न कमा ले उसे और ज्यादा की लालसा हमेशा लगी रहती है.

चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को कभी भी धन की संतुष्टि नहीं मिलती है. वह जितना कमाता है, उसे हमेशा उतना ही कम लगता है. ऐसे में अधिक धन की लालसा उसके जीवन को नष्ट कर देती है.

चाणक्य के अनुसार व्यक्ति कभी भी अपनी आयु से संतुष्ट नहीं रहता. ये जितनी मिले उतनी कम लगती है.

चाणक्य के अनुसार स्त्री के प्रति गलत भावना रखने वाला व्यक्ति भी कभी अपनी संगिनी से प्रसन्न नहीं रहते हैं. उनके मन में गलत लालसा जन्म लेती है. यह लालसा उनके जीवन को नष्ट कर देती है.

भोजन से भी व्यक्ति कभी संतुष्ट नहीं होता है. स्त्री, धन, आयु और भोजन से व्यक्ति कभी भी संतुष्ट नहीं हो पाता है. हालांकि इन पर काबू पा लेने वाला व्यक्ति जीवन में खूब तरक्की करता है.