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दालचीनी सिर्फ एक मसाला ही नहीं, बल्कि आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों में औषधीय गुणों से भरपूर प्राकृतिक उपाय मानी जाती है.
खासतौर पर महिलाओं और युवतियों में हार्मोनल असंतुलन की समस्या जैसे पीसीओएस, थायरॉइड, अनियमित पीरियड्स आदि में दालचीनी यह बेहद कारगर साबित हो सकती है.
दालचीनी शरीर में इंसुलिन की कार्यक्षमता को बेहतर बनाती है, जिससे पीसीओएस जैसी बीमारियों में लाभ होता है.
महिलाओं में अनियमित मासिक धर्म को नियमित करने में दालचीनी उपयोगी साबित होती है.
यह शरीर में सूजन को कम करके हार्मोनल असंतुलन से होने वाली थकान और मूड स्विंग्स को भी संतुलित करती है.
दालचीनी का सेवन थायरॉइड ग्लैंड के सिस्टम को सक्रिय बनाता है.
1 कप गर्म पानी में आधा चम्मच पिसी हुई दालचीनी मिलाकर दिन में 1–2 बार पी सकते हैं.
दालचीनी पाउडर को आप इसे शहद के साथ खाली पेट भी ले सकते हैं.
अधिक मात्रा में सेवन से लीवर पर असर पड़ सकता है. दिन में 1–2 ग्राम पर्याप्त है और गर्भवती महिलाएं सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लें.