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खर्राटे तब आते हैं जब नींद के दौरान गले और नाक के रास्ते से हवा ठीक से नहीं गुजर पाती.
मोटापा बढ़ने से गले के आसपास चर्बी जम जाती है, जिससे खर्राटे की समस्या बढ़ जाती है.
नाक बंद होना या सर्दी-जुकाम की वजह से भी सांस लेने में दिक्कत होती है और खर्राटे आते हैं.
शराब या नींद की गोलियाँ लेने से गले की मांसपेशियाँ ढीली हो जाती हैं और खर्राटे बढ़ते हैं.
सोने की गलत पोज़िशन, खासकर पीठ के बल सोना, खर्राटों का बड़ा कारण है.
उम्र बढ़ने के साथ गले की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे खर्राटे आम हो जाते हैं.
नींद की बीमारी ‘स्लीप एपनिया’ वाले लोगों में खर्राटे बहुत ज़्यादा और खतरनाक हो सकते हैं.
धूम्रपान और एलर्जी से सांस की नली में सूजन आ जाती है, जो खर्राटे को बढ़ावा देती है.
अगर खर्राटे लगातार और बहुत तेज़ हों तो डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है, क्योंकि यह स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है.
नोट- यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Gnttv.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.