सरसों का साग सर्दियों की जान होता है. ज्यादातर घरों में सरसों का साग और मक्के की रोटी खाई जाती है.
बहुत से लोग इसे बाजार से खरीदते हैं वहीं कई लोग इसे घर पर ही उगा लेते हैं.
अगर आपके पास बगीचा नहीं है, तो आप गमले में भी आसानी से सरसों का साग उगा सकते हैं और पूरी सर्दियां ताजा साग का आनंद ले सकते हैं.
कम से कम 10–12 इंच गहरा गमला लें ताकि जड़ों को जगह मिले. मिट्टी में गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट मिलाएं.
सरसों के बीज 1–2 सेमी गहराई में छिड़कें और हल्की मिट्टी से ढक दें. मिट्टी को नम रखें, लेकिन पानी जमा न होने दें.
कुछ ही दिनों में बीज अंकुरित होने लगेंगे. इसे रोज कम से कम 5 से 6 घंटे की सीधी धूप चाहिए होती है ताकि पौधे जल्दी और हरे-भरे बढ़ें.
सरसों की पत्तियां 25–30 दिन में हार्वेस्ट के लिए तैयार हो जाती हैं, इन्हें धीरे-धीरे तोड़कर इस्तेमाल करें.
हार्वेस्ट के बाद मिट्टी में थोड़ी खाद मिलाकर दोबारा पानी दें, इससे नई पत्तियां जल्दी निकल आती हैं.