क्या सेहत के लिए अच्छा है तेज़-तेज़ चलना?

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अक्सर बोला जाता है कि भाई अगर तुम जिम नहीं जा सकते, एक्सर्साइज़ नहीं कर सकते तो रोज़ कम से कम आधा घंटा तेज़ तेज़ कदमों से चल ही लो. 

ये जो तेज़ तेज़ कदमों से चलना है ना इसे ब्रिस्क वॉकिंग कहते हैं.

खाने के बाद कई लोग तेज़ कदमों से चलते हैं. ये अच्छी बात भी है. इससे खाना पचाने में मदद मिलती है और वजन भी कंट्रोल में रहता है. 

ब्रिस्क वाकिंग के फायदे तो है लेकिन आपको ये तभी मिलेंगे जब आप इसे सही तरीके से करें. पर क्या है ब्रिस्क वाकिंग का सही तरीका?

डॉक्टरों की मानें तो तेज चलते समय लोग कई तरह की गलतियाँ करते हैं, जैसे गर्दन झुकाकर चलना, लंबे लंबे कदम लेना, अपना पोस्चर सही ना रखना.

अगर आप गर्दन झुकाकर चलेंगे तो गर्दन में खिंचाव आ सकता है, सूजन आ सकती है. इसलिए जब भी चलें सीधा देखें. 

कुछ लोग ब्रिस्क वाकिंग में कुछ ज्यादा ही लंबे लंबे कदम रखते हैं. ये भी आपको नहीं करना है. 

जरूरत से ज्यादा तेज़ कदम चलने से घुटनों, हिप्स और कमर में चोट का खतरा बढ़ जाता है. यही नहीं इससे हमारा नॉर्मली चलने का तरीका भी बिगड़ जाता है.

चलने से पहले थोड़ा वार्म अप जरूर करें. इससे मसल्स में किसी तरह की खिंचाव का रिस्क कम होता है, खून का फ्लो सुधरता है और शरीर लचीला बनता है.

जब भी ब्रिस्क वॉकिंग करें, हमेशा कंफर्टेबल वाकिंग शूज पहनकर ही करें.