कहीं आपका बच्चा भी तो डिप्रेशन में नहीं जा रहा है? इस बात को जानने के लिए हम आपको कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं.
यदि आपका बच्चा अकेला बैठना पसंद करता है या काफी चुपचाप रहने लगा या लगी है. तो उससे बात करने की कोशिश करें.
साथ ही माता पिता को इस कंडीशन में सावधान रहने की जरूरत है.
अगर बच्चें छोटी-छोटी बात पर चिड़ रहे हैं या झगड़ा कर रहे हैं तो पेरेंट्स को इस बात पर ध्यान देना चाहिए.
माता पिता को तुरंत बच्चे की काउंसलिंग करनी चाहिए. जरूरत है तो मनोचिकित्सक से इलाज कराना चाहिए.
गुपचुप रहने के साथ ही वो अकेला रहने लगे. किसी से बात करना पसंद न करें. कमरे में अकेले अकेले खुद से बात करने लगे तो यह स्थिति ठीक नहीं है.
बच्चा मानसिक तौर पर अधिक बीमार हो गया है. उसका कॉउंसलिंग कराकर तुरंत इलाज शुरू करा देना चाहिए.
बच्चे अगर खाना न खा रहे हो या थोड़ा थोड़ा खाकर छोड़ रहे हो इसका मतलब है की बच्चें मन से परेशान हैं.
खाते समय उन्हें ध्यान रहे कितना खाना है या कहीं ख्यालों में खोने लगे ये Depression के शुरुआती लक्षण हैं. इसलिए बच्चें को जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाए.