कैसे कामकाज का असर पड़ता है नींद पर

(Photos Credit: Getty)

डॉक्टरों की मानें तो एक आम इंसान को करीब 8-9 घंटे की गहरी नींद लेनी चाहिए.

लेकिन आजकल दफ्तरों में लोगों पर काम का प्रेशर इतना ज्यादा होता है कि डॉक्टर की सलाह पूरी करना मुश्किल है.

दफ्तरों में माना जाता है कि जितना ज्यादा समय आप काम को देते हैं उतनी ज्यदा प्रोडक्टिविटी बढ़ती है.

लेकिन इस प्रोडक्टिविटी के लिए एक इंसान को अपनी नींद के साथ समझौता करना पड़ता है. जिससे वह केवल करीब 5 घंटे की ही नींद ले पाता है.

पर नींद के साथ समझौता करने पर इंसान का बढ़ता है. जिसके बाद तवान में वह सही निर्णय नहीं ले पाता है.

इसके अलावा सोने से पहले लोगों को काफी फोन चलाने की भी आदत है. जो ब्लू लाइट स्क्रीन से निकलती है वह नींद के हार्मोन को खराब करती है.

सलाह के तौर पर आपको सोने से करीब 1 घंटे पहले अपने फोन को छोड़ देना चाहिए.

साथ ही दिन में पावर नैप लेने से आपकी ऊर्जा बढ़ती है और रात में नींद में परेशानी नहीं होती है.