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वेटलिफ्टिंग करने से मांसपेशी और हड्डियां जहां मजबूत होती हैं, वहीं मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी यह बेहद फायदेमंद होता है. जिम में वेटलिफ्टिंग करने से पहले वॉर्म-अप जरूर करें.
यदि आप पहली बार जिम जा रहे हैं तो जाते ही वेटलिफ्टिंग शुरू न कर दें बल्कि कुछ हफ्तों तक कार्डियो एक्सरसाइज जैसे दौड़ना, साइकिल चलाना आदि करें. इसके बाद धीरे-धीरे वेटलिफ्टिंग की शुरुआत करें.
वेटलिफ्टिंग करते समय सही तकनीक का इस्तेमाल करें. अधिकांश लोग ज्यादा वजन उठाने के चक्कर में सही फॉर्म भूल जाते हैं. गलत पॉश्चर या तकनीक से वेट उठाने से फायदा कम होता है और चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है.
आप जिम जाते हैं बहुत ज्यादा वजन उठाने की कोशिश न करें. ऐसा करने के दौरान मूवमेंट सही नहीं हो रही तो मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है. आपको चोट लग सकती है. ऐसे में पहले हल्का वजन उठाएं और फिर धीरे-धीरे वजन बढ़ाते जाएं.
अधिकांश लोग लोग सोचते हैं कि ज्यादा वजन उठाने और रोज एक्सरसाइज करने से जल्दी मसल्स बन जाएंगे लेकिन ओवरट्रेनिंग करने से मसल्स रिकवरी नहीं कर पाते और थकान बढ़ जाती है. वेटलिफ्टिंग के बाद अपने शरीर को आराम जरूर दें.
वेटलिफ्टिंग के दौरान सही तरीके से सांस लेना बहुत जरूरी है. वजन उठाते समय सांस छोड़ें और वजन नीचे लाते समय सांस लें. यदि आप सांस रोककर एक्सरसाइज करते हैं तो ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और शरीर जल्दी थक सकता है.
वेटलिफ्टिंग के बाद एक बैलेंस डाइट लेना बहुत जरूरी है. प्रोटीन, कार्ब्स और हेल्दी फैट्स का सेवन करें ताकि मसल्स रिकवरी हो सके. जिम जाने से पहले और बाद में सही खाना खाएं.
वेटलिफ्टिंग या कोई भी एक्सरसाइज करते समय शरीर से पानी निकल जाता है. ऐसे में खूब पानी पिएं. हाइड्रेटेड रहना आपके प्रदर्शन को बेहतर बनाता है और चोट लगने की संभावना को कम करता है.
नियमित रूप से वेटलिफ्टिंग करें. एक हफ्ते में कम से कम 2-3 बार जरूर वेटलिफ्टिंग करें. इससे न सिर्फ मांसपेशियों का बेहतर ढंग से विकास होगा बल्कि शरीर को भी इसकी आदत लग जाएगी.
मसल्स ग्रोथ सिर्फ जिम में नहीं बल्कि आराम के दौरान भी होती है. 7-8 घंटे की नींद और 1-2 दिन का रेस्ट जरूरी है, ताकि मसल्स को ठीक से रिकवर होने का समय मिल सके.