लोकसभा में अमित शाह ने भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023, भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक पेश किया.
ये तीनों बिल अंग्रेजों के समय के IPC, CrPC और एविडेंस एक्ट की जगह लेंगे.
इन बिलों में मॉब लिंचिंग और नाबालिग से रेप पर मौत की सजा का प्रावधान किया गया है.
नए कानून में बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर करने पर सजा का प्रावधान है.
एक ओर सजाएं सख्त की गई हैं तो वहीं दूसरी ओर दंड के रूप में समाज सेवा करने के प्रावधान भी रखे गए हैं.
जिन मामलों में 7 साल व उससे ज्यादा की सजा का प्रावधान है, उन सभी मामलों के तहत फोरेंसिक टीम का अपराध स्थल पर जाना अनिवार्य कर दिया जाएगा.
देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को खतरे में डालने पर न्यूनतम 7 साल की सजा का प्रावधान है.
गलत पहचान बताकर यौन संबंध बनाने वाले को अपराध की श्रेणी में रखा गया है.
इन कानूनों का मकसद किसी को सजा देना नहीं बल्कि लोगों को न्याय देना होगा.