ऐसे लोग सांप और बिच्छू से भी होते हैं खतरनाक 

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आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में राजनीति, अर्थशास्त्र और कूटनीति के साथ-साथ जिंदगी के तमाम व्यावहारिक पहलुओं पर भी लिखा है. आज के दौर में भी उनकी नीतियां काफी काम की साबित होती हैं.

आचार्य चाणक्य के अनुसार कुछ लोग दुश्मन, जहरीले सांप और बिच्छू से भी ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं. ऐसे लोगों को पहचान कर उनसे दूरी बनाकर रखना ही समझदारी है.

चाणक्य नीति के अनुसार इंसान को हमेशा जलन रखने वाले और स्वार्थी लोगों से दूर रहना चाहिए. 

मुश्किल समय में भी स्वार्थी लोगों से मदद नहीं मांगनी चाहिए, क्योंकि ये लोग लालच और ईर्ष्या के चक्कर में आपका नुकसान कर सकते हैं. 

चाणक्य के अनुसार घमंडी और स्वार्थी लोगों पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए. ऐसे लोग सामने से हमला नहीं करते, बल्कि पीठ पीछे वार करते हैं. 

घमंडी और स्वार्थी लोग आपकी दोस्ती का हमेशा इस्तेमाल करते हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर धोखा देने से भी पीछे नहीं हटते. इनका मकसद सिर्फ अपना फायदा होता है.

जो लोग ज्यादा मजाक करते हैं, ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए क्योंकि ये अपने नंबर बनाने के लिए दूसरों के सामने कभी भी आपको नीचे गिरा सकते हैं. किसी के सामने भी आपका अपमान कर सकते हैं.

चाणक्य ने गुस्से को इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन बताया है. उन्होंने कहा है कि गुस्सैल लोगों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि गुस्से में इंसान सही और गलत का फर्क भूल जाता है.

नशे की लत वाले लोगों से हमेशा दूर रहना चाहिए. ऐसे लोग नशे की लत को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, इसलिए ऐसे लोगों से हमेशा दूर रहना चाहिए.