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चांदनी चौक दिल्ली के सबसे पुराने और बिजी इलाकों में से एक है. यहां लोगों की भीड़ बनी रहती है.
चांदनी चौक में खाने-पीने से लेकर शॉपिंग की बेहतरीन दुकानें हैं. दिल्ली में बहुत सारे लोग यहीं पर खरीददारी करने आते हैं.
चांदनी चौक में एक दुकान का किराया कितना है? आइए इस बारे में जानते हैं.
मुग़ल काल से अब तक व्यापार, संस्कृति और विरासत का केंद्र बना हुआ है. इसकी स्थापना स्थापना मुगल सम्राट शाहजहां ने 1650 ईस्वी में करवाई थी.
मुगलों के समय से ही यह भारत और एशिया के बड़े व्यापारियों की पसंदीदा जगह रही है. यहां कपड़ा, मसाले, सोना-चांदी, गहने, किताबें और शाही वस्त्रों का कारोबार होता था.
चांदनी चौक में पुराने जमाने में पगड़ी प्रथा चलती थी. चांदनी चौक में आज भी ये प्रथा चलती है.
चांदनी चौक में पुरानी प्रणाली के तहत दुकानदार मालिक को एकमुश्त पगड़ी देते हैं. इसके तहत दुकान का महीने का किराया 500 रुपए होता है.
चांदनी चौक में आज भी इस सिस्टम के तहत दुकानों का किराया दिया जाता है. कई दुकानों का किराया सिर्फ हजार रुपए है.
चांदनी में मार्केट रेट की बात करें तो छोटी दुकान का किराया 50 हजार रुपए महीना चल रहा है. वहीं प्रीमियम दुकानों का किराया लाखों में है.
चांदनी चौक में पारंपरिक पगड़ी प्रथा से किराया मात्र 500 रुपए मासिक भी हो सकता है. वहीं साधारण‑मध्यम दुकानों का किराया 15 से 50 हज़ार रुपए के रेंज में है.
नोट- यहां बताई गईं सभी बातें सामान्य जानकारी पर आधारित है. Gnttv.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.