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चारधाम यात्रा हिन्दुओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है. हर साल लाखों यात्री चार धाम यात्रा करते हैं.
उत्तराखंड में भी एक चारधाम यात्रा होती है. इसे मिनी चार धाम यात्रा भी कहते हैं. इसमें गंगोत्री, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और केदारनाथ हैं.
ये उत्तराखंड के चार धाम हैं. वैसे चार धाम यात्रा में बद्रीनाथ, रामेश्वरम, पुरी और द्वारका आते हैं.
चार धाम यात्रा आज हर साल होती है लेकिन क्या आपको पता है कि सबसे पहले ये यात्रा कब शुरू हुई थी?
चार धाम यात्रा का इतिहास बहुत प्राचीन है. इसकी शुरुआत आदि शंकराचार्य से जुड़ी मानी जाती है। आइए सीधे और स्पष्ट रूप से समझते हैं.
चार धाम यात्रा की शुरुआत 8वीं शताब्दी (लगभग 788–820 ई.) में हुई थी. आदि शंकराचार्य ने चार धाम यात्रा की परंपरा की शुरुआत की थी.
चार धाम यात्रा को जीवन में मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है, हिन्दू धर्म के अनुसार, जीवन में एक बार इन चार धामों की यात्रा ज़रूर करनी चाहिए.
चार धाम और छोटा चार धाम अलग-अलग हैं. छोटा चार धाम में उत्तराखंड के चार सबसे फेमस मंदिर आते हैं.
चार धाम यात्रा की शुरुआत 8वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य ने की थी. वहीं छोटा चार धाम यात्रा की शुरुआत 20वीं सदी में हुई थी.
नोट- यहां बताई गईं सभी बातें सामान्य जानकारी पर आधारित है. Gnttv.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.