चातुर्मास में क्या करें और क्या नहीं? 

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सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु चातुर्मास के समय चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं. इस दौरान सृष्टि का कार्यभार भोलेनाथ संभालते हैं.

इस साल चातुर्मास 6 जुलाई से लेकर 1 नंबर 2025 तक रहेगा. चातुर्मास के दौरान शुभ और मांगलिक कार्यों के करने की मनाही होती है.

चातुर्मास में विष्णु भगवान और माता लक्ष्मी की पूजा करें. रोज सत्यनारायण भगवान की कथा सुनें. हर दिन विष्णु सहस्त्रनाम और कनकधारा स्रंतो का पाठ करें.

चातुर्मास में पितरों का तर्पण करना चाहिए. चातुर्मास में ब्रह्मचर्य का पालन करें. सात्विक भोजन करें.

चातुर्मास में अन्न दान, दीपदान, वस्त्रादन, छाया और श्रमदान करना चाहिए. चातुर्मास में फर्श या भूमि पर सोना चाहिए.

चातुर्मास में ब्रजधाम की यात्रा करना शुभ है. चातुर्मास में शाम को तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं. 

चातुर्मास में शुभ व मांगलिक कार्य नहीं करें. नीले या काले रंग के वस्त्र धारण नहीं करें.

 चातुर्मास में दही, अचार, पत्तेदार सब्जियों का सेवन नहीं करें. नए वस्त्रों की खरीदारी नहीं करें.

चातुर्मास में बाल व दाढ़ी नहीं कटवाएं. नया वाहन और नई प्रॉपर्टी नहीं खरीदें. घर बनाना और भूमि पूजन की भी मनाही होती है.