गरुड़ पुराण में क्या है झूठ की सजा?

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गरुड़ पुराण हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पुराण है. इसमें मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा, कर्मों के फल और नरक का विस्तार से वर्णन है.

गरुड़ पुराण में झूठ बोलने को महा पाप कहता है, विशेषकर अगर उसका मकसद किसी को धोखा देना या नुकसान पहुंचाना हो.

गरुड़ पुराण के अनुसार, झूठ बोलने वाले को मृत्यु के बाद भी भयानक सजा मिलती है. गरुड़ पुराण में कई सजाओं के बारे में जानकारी दी गई है.

इस धर्म ग्रन्थ में झूठी गवाही देने को पाप माना जाता है. इसके अलावा व्यापार में धोखा देना, रिश्तों में झूठ बोलना और दूसरों को फँसाने के लिए झूठ गढ़ना भी महापाप माना जाता है.

गरुड़ पुराण के अनुसार झूठ बोलने वाले को कूटनरक में डाला जाता है. यह एक भयावह नरक है.

कूटनरक में आत्मा को आग में बार-बार जलाया जाता है. कीड़ों, सांपों और नुकीली वस्तुओं से सताया जाता है.

गरुड़ पुराण के अनुसार, झूठी गवाही देने पर रौरव नरक मिलता है. व्यापारिक धोखा में महाराौरव नरक और धार्मिक धोखा में अंध तमिस्र नरक मिलता है.

झूठ बोलना सिर्फ सामाजिक अपराध नहीं है. माना जाता है कि यह आत्मा पर कलंक छोड़ता है. मृत्यु के बाद भी उसका दंड मिलता है.

गरुड़ पुराण सिखाता है कि सत्य ही धर्म है. झूठ के कारण नरक में भीषण यातना मिलती है. सच बोलें, धर्म का पालन करें.

नोट- यहां बताई गईं सभी जानकारी सामान्य जानकारी पर आधारित है. Gnttv.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.