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आज 27 दिसंबर 2025 को गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती है. सिख धर्म में गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती विशेष महत्व रखती है. वह सिख धर्म के 10वें सिख गुरु थे, जिन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की थी.
उन्होंने खालसा पंथ की रक्षा के लिए मुगलों से 14 बार युद्ध भी किया था. आज उनकी जयंती मनाई जा रही है, तो ऐसे में चलिए जानते है उनके कुछ प्रमुख वचन और उपदेश.
गुरु गोबिंद सिंह जी के अनमोल विचारों में अहंकार त्याग, अच्छे कर्म और ईश्वर भक्ति पर जोर दिया गया है. जब आप अपने अंदर से अहंकार मिटा देंगे तभी आपको वास्तविक शांति प्राप्त होगी.
वह कहते हैं कि अच्छे कर्मों से ही आप ईश्वर को पा सकते हैं, अच्छे कर्म करने वालों की ही ईश्वर मदद करता है. साथ ही इंसान से प्रेम करना ही ईश्वर की सच्ची आस्था और भक्ति है.
उनके संदेश वर्तमान को महत्वपूर्ण बताते हुए स्वार्थ का त्याग सिखाते हैं. अगर आप केवल भविष्य के बारे में सोचते रहेंगे तो वर्तमान भी खो देंगे.
उनके उपदेश अनुसार सबसे महान सुख तब प्राप्त होता है जब कोई अपने भीतर से स्वार्थ को समाप्त कर देता है. ईश्वर ने हमें जन्म दिया है ताकि हम संसार में अच्छे काम करें और बुराई को दूर करें.
गुरु जी ने साहसपूर्ण जीवन और सेवा पर बल दिया. वह मानना है कि छोटे से छोटे काम में भी लापरवाही न बरतें, सभी कार्य लगन से करें.
वह कहते हैं कि असहायों पर तलवार चलाने के लिए उतावले न हों, अन्यथा विधाता तुम्हारा खून बहाएगा. सत्कर्म से सच्चा गुरु मिलता है, उसके बाद भगवान की दया प्राप्त होती है.