चीन में हिन्दी बोलने वाले कितने लोग हैं?

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चीन और भारत पड़ोसी देश हैं. दोनों के बीच सांस्कृतिक और व्यावसायिक संबंध गहरे हैं. इसी वजह से हिन्दी भाषा का महत्व चीन में भी बढ़ रहा है.

चीन में कितने लोग हिन्दी बोलते हैं? आइए इस बारे में जानते हैं.

चीन में हिन्दी बोलने वालों की संख्या सीमित है. ज्यादातर लोग हिन्दी को एजुकेशन या बिजनेस के लिए सीखते हैं. सामान्य बातचीत में हिन्दी का इस्तेमाल बहुत कम होता है.

चीन के कुछ विश्वविद्यालयों में हिन्दी पढ़ाई जाती है. बीजिंग और शंघाई जैसे बड़े शहरों में यह कोर्स उपलब्ध हैं. इनमें भारतीय संस्कृति और भाषा के प्रति रुचि दिखाई देती है.

अनुमान है कि चीन में लगभग 3000 से 4000 लोग हिन्दी जानते हैं. इनमें स्टूडेंट्स, टीचर और ट्रांसलेटर शामिल हैं. यह संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है.

चीन में हिन्दी सीखने वाले अधिकतर छात्र भारत से जुड़े अवसर देखते हैं. वे भारतीय साहित्य, बॉलीवुड और व्यापार में दिलचस्पी रखते हैं. यही वजह है कि हिन्दी सीखने वालों का दायरा बढ़ रहा है.

कुछ चीनी लोग टूरिज्म की वजह से हिन्दी सीखते हैं. भारत आने वाले यात्रियों को हिन्दी की जानकारी काम आती है. इससे दोनों देशों के बीच संपर्क आसान होता है.

हिन्दी फिल्मों और गानों का चीन में भी असर है. कई लोग शौकिया तौर पर हिन्दी गाने गुनगुनाते हैं. यही दिलचस्पी उन्हें भाषा सीखने की ओर ले जाती है.

चीन में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाएं चीनी और अंग्रेजी हैं. हिन्दी अभी भी बहुत छोटे दायरे में सीमित है लेकिन इसका भविष्य उज्जवल माना जा रहा है.

आज चीन में हजारों लोग हिन्दी सीख रहे हैं. यह भारत-चीन संबंधों का एक अहम पहलू है. आने वाले समय में हिन्दी बोलने वालों की संख्या और बढ़ सकती है.

नोट- यहां बताई गईं सभी जानकारी सामान्य जानकारी पर आधारित है. Gnttv.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.