श्रीकृष्ण पृथ्वी पर कितने साल रहे?

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भगवान श्रीकृष्ण विष्णु के अवतार माने जाते हैं. उन्होंने धर्म की रक्षा और अधर्म के नाश के लिए धरती पर जन्म लिया.

श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा की जेल में भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को हुआ. इसी दिन को हम सभी धूमधाम से जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं.

भगवान कृष्ण ने पांडवों का मार्गदर्शन किया और कुरुक्षेत्र युद्ध में अर्जुन के सारथी बनकर भगवद गीता का उपदेश दिया.

महाभारत युद्ध के बाद कृष्ण ने द्वारका को अपनी राजधानी बनाया. वहीं अपने जीवन का अधिकांश समय बिताया.

भगवान कृष्ण ने पूरी जिंदगी लोगों का भला किया. बुरा करने वालों को सजा भी दी. भगवान कृष्ण ने कई लीलाएं की.

भगवान कृष्ण कई सारे मित्र हुए. अर्जुन में भी उन्हीं में से एक है लेकिन सुदामा को सबसे सच्चा मित्र माना जाता है.

श्रीकृष्ण के जीवन का अंत तब हुआ जब एक शिकारी ने उनकी पर बाण मार दिया. इस घटना को मौसला पर्व के रूप में महाभारत में वर्णित किया गया है.

धार्मिक ग्रंथों और पुराणों के अनुसार, भगवान कृष्ण 125 वर्ष तक पृथ्वी पर रहे. श्रीकृष्ण 125 साल तक जिंदा रहे.

कृष्ण का जीवन यह सिखाता है कि धर्म, प्रेम और कर्म ही मनुष्य के जीवन का आधार है. उनकी शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं.

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