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मगरमच्छ को दुनिया के सबसे खतरनाक शिकारी जानवरों में से एक माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं की शिकार मगरमच्छ के पेट में कितने देर तक जिंदा रहता है.
दरअसल, मगरमच्छ के जबड़े इतने ताकतवर होते हैं कि, ये शिकार को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़कर सीधे निगल जाते हैं.
हालांकि, मगरमच्छ शिकार को चबा नहीं सकते. वे अपने शिकार को निगलने के बाद उसे पेट में पचाने के लिए कई दिनों का समय लेते हैं.
मगरमच्छ का पेट दो हिस्सों में बंटा होता है. पहला भाग शिकार को तोड़ता-मरोड़ता है और दूसरा भाग तेज एसिड से उसे गलने में मदद करता हैं.
अगर शिकार मगरमच्छ के पेट तक पहुंच गया तो उसके जिंदा रहने की संभावना लगभग खत्म हो जाती है.
मगरमच्छ के पेट में बनने वाला गैस्ट्रिक एसिड किसी अन्य जीव के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है.
मगरमच्छ का दिल खून की सप्लाई को नियंत्रित करके सीधे पेट तक पहुंचाता है. इससे एसिड तेजी से बनता है और शिकार जल्दी पचता है.
मगरमच्छ अपने वजन के 23% के बराबर खाना एक बार में खा सकते हैं. इसे पचाने में 10-12 दिन तक लग सकते हैं.
मगरमच्छ के जबड़े 3500 किलोग्राम तक का दबाव बना सकते हैं. इससे शिकार का बचना लगभग नामुमकिन हो जाता है.
बड़े और भारी शिकार के बाद मगरमच्छ लंबे समय तक शांत रहते हैं. क्योंकि मगरमच्छ का पाचन तंत्र धीमा होता है.
इसलिए अगर शिकार मर भी जाए, तो उसके शरीर को पूरी तरह से पचाने में कई दिन लग सकते हैं.