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परमाणु बम की ईजाद फ़िज़िसिस्ट जे रॉबर्ट ओपनहाइमर ने की थी. वह दूसरे विश्व युद्ध के समय द मैनहैटन प्रोजेक्ट की लॉस अलामॉस लैब के मुखिया थे.
ओपनहाइमर ने सबसे पहले अमेरिका के लिए परमाणु बम बनाया. यानी यह विनाशक हथियार सबसे पहले अमेरिका के पास आया.
अमेरिका ने सबसे पहले इसका इस्तेमाल दूसरे विश्व युद्ध में जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर किया.
उन हमलों के बाद साबित हो गया कि यह अमेरिका का सबसे घातक हथियार है. अमेरिका ने परमाणु बमों का ज़ख़ीरा बढ़ाना शुरू कर दिया.
दुनियाभर पर अमेरिका के दबदबे में परमाणु बमों का बड़ा योगदान रहा है.
एक समय पर जब सोवियत रूस के खिलाफ अमेरिका का शीत युद्ध चल रहा था, तब अमेरिका के पास परमाणु बमों का भंडार था.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 1967 में अमेरिका के पास 31 हज़ार से ज़्यादा परमाणु बम थे.
शीत युद्ध खत्म होने के बाद यह संख्या कम हो गई, लेकिन रूस और अमेरिका के पास अब भी पूरी दुनिया के 87 प्रतिशत न्यूक्लियर बम मौजूद हैं.
एटॉमिक साइंटिस्ट बुलेटिन के अनुसार, अमेरिका के पास इस वक्त करीब 3700 न्यूक्लियर वॉरहेड मौजूद हैं.
इनमें से 1,770 बम हमले के लिए तैयार हैंं. जबकि बाकी 1,930 बम रिज़र्व में रखे हैं.