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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2016 में ही बिहार में शराब बंदी की घोषणा कर दी थी. उनके इस फैसले को कहीं से समर्थन तो कहीं से विरोध का सामना करना पड़ा.
बहरहाल, उनके इस फैसले के कई सालों बाद भी बिहार में शराबबंदी नहीं हो सकी है. और राज्य में शराब का दाम भी कई गुणा बढ़ गया है.
इसकी वजह यह है कि बिहार में स्मगलर नेपाल और उत्तर प्रदेश से शराब ले आते हैं और फिर उसे बिहार में बेचते हैं.
ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी की एक रिपोर्ट बताती है कि बिहार से लगे नेपाल के बॉर्डर पर एक शराब का ठेका मौजूद है.
बिहार के स्मगलर इस तरह के कई ठेकों से शराब खरीदते हैं और उसे बिहार लाते हैं. एक शराब की बोतल 20 डॉलर यानी 1600 रुपए तक की बिक सकती हैै.
रिपोर्ट के अनुसार, वे नेपाल बॉर्डर से 10 डॉलर में एक बोतल खरीदकर लाते हैं.
अगर एक महीने में स्मगलर की अच्छी कमाई हो जाए तो वह 2000 डॉलर यानी 1.6 लाख रुपए तक कमा सकता है.
इसके अलावा बिहार में महुआ के फूलों से देसी शराब भी बनाई जाती है. इसकी कीमत बहुत कम है लेकिन यह कई बार जानलेवा भी साबित हुई है.
ज़हरीली शराब से लोगों की मौत के कारण कई बार विरोधियों ने सरकार से शराब बैन हटाने की मांग भी की है.