ट्रेन में 7 तरीकों की होती है वेटिंग लिस्ट, जानें पहले कौन सी होती है टिकट कंफर्म

ट्रेन का टिकट कराने पर बहुत से लोगों को कन्फर्म टिकट मिल जाता है, लेकिन कई लोगों को वेटिंग लिस्ट में शामिल कर दिया जाता है. 

वेटिंग लिस्ट का मतलब होता है कि अगर किसी कंफर्म टिकट वाले यात्री ने अपनी यात्रा रद्द की तो आपको उसकी सीट वेटिंग लिस्ट वाले को दे दी जाती है. 

आपको बता दें कि रेलवे के वेटिंग लिस्ट 7 प्रकार की होती है. आइये जानते हैं इनके बारे में. 

अगर आप तत्काल टिकट बुक करते हैं और फिर भी वेटिंग लिस्ट मिल जाती है. इसे तत्काल वेटिंग लिस्ट (TQWL) कहा जाता है. इस टिकट के कन्फर्म होने का चांस बहुत कम होता है. 

PQWL का मतलब पूल्ड कोटा वेटिंग लिस्ट होता है. इसमें उन्हें रखा जाता है जो शुरुआती और अंतिम स्टेशन के बीच में चढ़ने-उतरने वाले यात्री होते हैं. 

RLWL का मतलब रिमोट लोकेशन वेटलिस्ट होता है. इस वेटिंग टिकट के कन्फर्म होने की संभावना बहुत अधिक होती है. 

RSWL का मतलब रोड साइट वेटलिस्ट होता है. ये ऐसी वेटिंग लिस्ट है जो ट्रेन से शुरू होने स्टेशन से मिलती है. 

GNWL यानी जनरल वेटिंग लिस्ट का मतलब होता है कि जिस ट्रेन से आप सफर कर रहे हैं उस ट्रेन का कोई कन्फर्म टिकट लेने वाला यात्री अपना टिकट कैंसिल कराएगा तो उसकी सीट आपको दे दी जाएगी. 

NOSB यानी नो शीट बर्थ कोई वेटिंग लिस्ट नहीं होती है. इसे 12 साल से कम उम्र के बच्चों का आधा किराया लेकर दी जाती है. इस बुकिंग के तहत सीट नहीं दी जाती है. 

RAC के टिकट के तहत एक ही सीट पर दो यात्रियों को एडजस्ट किया जाता है. जब कोई कन्फर्म टिकट कैंसिल होती है तो सबसे पहले उन्हें ही टिकट कन्फर्म दी जाती है.