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दुनिया की हर चीज़ के अंदर तरंगें पायी जाती हैं. मकान, जमीन, यहां तक कि कपड़ों में भी तरंगें होती हैं. ये तरंगें शुभता भी पैदा करती हैं और अशुभता भी.
आम तौर पर पूर्व और उत्तर दिशा के मकान सबसे ज्यादा शुभ माने जाते हैं. पश्चिम और दक्षिण दिशा के मकान शुभ नहीं माने जाते.
अगर पूर्व दिशा का मकान है तो पूर्ण रूप से सात्विक रहें. अगर पश्चिम दिशा का है तो घर में लकड़ी का प्रयोग कम करें.
अगर उत्तर दिशा का मकान है तो आग और बिजली के उपकरणों पर विशेष ध्यान दें. दक्षिण दिशा के मकान में सीलन का और गंदगी का विशेष ध्यान दें.
सूर्य का प्रकाश घर में न आने पर अकारण बीमारियां पैदा होती हैं. ऐसे घरों में बच्चों के भविष्य और स्वास्थ्य बिगड़ने की सम्भावना ज्यादा होती है.
ऐसे घरों में रहने पर व्यक्ति नशे और अवसाद का शिकार हो जाता है. ऐसे घरों में रहने पर भय और नकारात्मकता का अनुभव होता है.
घर में शीशे की सहायता या सुधार से सूर्य के प्रकाश की व्यवस्था करें. नित्य प्रातः घर में तीन बार शंख बजाएं. नित्य प्रातः गायत्री मंत्र का 108 बार उच्चारण करें. घर में कम से कम लोहे का सामान रखें. अगर इतने पर भी लाभ न हों तो घर बदल दें.
घर में गलत रंगों का प्रयोग आपकी किस्मत को ख़राब कर सकता है. अगर रंगों का संतुलन ठीक न हो तो व्यक्ति की सोच ख़राब हो जाती है भूरा, लाल, और गाढ़ा हरा रंग नौकरी में समस्याएं बढ़ा देता है. भूरा रंग तो दरिद्रता की ओर ले जाता है.
घर में हल्के और चमकदार रंगों का प्रयोग करें. छत का रंग हमेशा ही सफेद रखें तो अच्छा होगा. घर में ज्यादातर सफ़ेद और हलके पीले रंग का प्रयोग करें.