भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क्स में से एक है. लगभग 68,103 किलोमीटर लंबे इस नेटवर्क में देश के कोने कोने में रेल की पटरियां बिछी हुई हैं.
रेल हमेशा पटरियों पर ही चलती है. इन छोटी-छोटी पटरियों पर ये ट्रेनें कई टन का भार लेकर तेज स्पीड से दौड़ती रहती हैं.
रेल हमेशा पटरियों पर ही चलती है. इन छोटी-छोटी पटरियों पर ये ट्रेनें कई टन का भार लेकर तेज स्पीड से दौड़ती रहती हैं.
लेकिन, क्या कभी आपने ये सोचा है कि इतने वजन और तेज स्पीड के साथ चलने वाली ट्रेन किस वजह से पटरी से नहीं उतरती है. आइए जानते हैं.
तेज रफ्तार के बाद भी ट्रेन के पटरी से न उतरने का कारण घर्षण बल का बैलेंस होता है.
अगर नीचे वाला घर्षण बल ऊपर वाले बल से कम है या यूं कहें कि दोनों में सही बैलेंस नहीं होगा तो पहिया फिसलने लगेगा.
ट्रेन में ट्रैक्टिव एफर्ट को मेनटेन रखा जाता है, जिससे ट्रेन का पहिया फिसलता नहीं हैं.
रेलवे का खास सिस्टम इंजन की ओर से पहिए पर लगाए जाने वाले बल को घर्षण बल की सीमा से हमेशा कम ही रखता है और इससे इंजन फिसलता नहीं है.