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प्रकाश का पर्व दिवाली 20 अक्टूबर 2025 को है. इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की आराधना की जाती है.
दिवाली के दिन पूजा स्थल, घर और आंगन में मिट्टी के दीये जलाए जाते हैं. आइए जानते हैं दीपक जलाने को लेकर क्या नियम हैं?
दिवाली पर दीये जलाने के दौरान हमेशा दिशा का ध्यान रखें. दीपक हमेशा पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके जलाना शुभ माना जाता है. दिवाली पर मिट्टी के पुराने दीये को नहीं जलाना चाहिए.
दिवाली पर घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाते समय उसकी लौ अंदर की ओर होनी चाहिए. यम दीपक दक्षिण दिशा में जलाएं.
दिवाली पर दीये को जलाने के दौरान हमेशा उनकी संख्या का ध्यान रखें. दीपक की संख्या विषम रखें जैसे 5, 7, 9, 11, 21, 51, 108. विषम संख्या शुभ मानी जाती है.
दिवाली पर सबसे पहला दीपक मंदिर में जलाना चाहिए. सरसों के तेल के दीपक से घी का दीपक अधिक शुभ माना जाता है.
दिवाली के दिन घर के मुख्य द्वार, लिविंग रूम, रसोई का आग्नेय कोण, तुलसी के पौधे, पीपल के पेड़, छत और बालकनी में दीपक अवश्य जलाएं.
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक एक दीपक से दूसरे दीपक को कभी नहीं जलाना चाहिए. इसे अशुभ माना जाता है.
दिवाली पूजा के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि दीपक किसी भी तरह से बुझे नहीं. दीपक को हाथ से या फूंक मारकर नहीं बुझाना चाहिए. इसे माता लक्ष्मी का अनादर माना जाता है.