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दिल्ली से लेकर मुंबई समेत पूरे देश में गणेश उत्सव की धूम है. जगह-जगह पर गणेश जी के पंडाल लग रहे हैं.
गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन गणेश जी पैदा हुए थे.
क्या आपको पता है कि गणेश जी कैसे पैदा हुए थे? आइए इस बारे में जानते हैं.
एक बार माता पार्वती स्नान करना चाहती थीं और चाहती थीं कि कोई उनकी रक्षा करे. उस समय भगवान शिव वहां मौजूद नहीं थे.
माता पार्वती ने अपने शरीर के उबटन चंदन और हल्दी के लेप से एक बालक की आकृति बनाई और उसमें प्राण फूंक दिए. यही बालक आगे चलकर गणेश बने.
मां पार्वती ने गणेश जी को आदेश दिया कि जब तक वह स्नान न कर लें तब तक किसी को भी अंदर न आने दें.
इसी बीच भगवान शिव लौटे और घर के अंदर जाना चाहा लेकिन गणेश जी ने माता के आदेश के वजह से उन्हें रोक दिया.
शिवगण और गणेश के बीच युद्ध हुआ. अंत में गुस्से में शिवजी ने त्रिशूल से बालक का सिर काट दिया.
जब माता पार्वती ने देखा कि उनका पुत्र मारा गया है तो वह अत्यंत क्रोधित और दुखी हुईं. उन्होंने पूरे संसार को नष्ट करने की ठान ली.
शिवजी ने आदेश दिया कि उत्तर दिशा में जो भी पहला जीव मिले उसका सिर लेकर आओ. वहां एक हाथी का बच्चा मिला.उसका सिर लाकर गणेश जी के शरीर से जोड़ दिया गया.
इस प्रकार गणेश को नया जीवन मिला और उन्हें "गजानन" कहा गया. देवताओं ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि सबसे पहले पूजे जाने वाले देवता वे ही होंगे.
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