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उत्तराखंड में कई सुंदर और बेहतरीन जगहें हैं लेकिन उन सबमें पिंडारी अपनी एक अलग पहचान रखता है.
पिंडारी तक पहुंचने के लिए लंबा ट्रेक करना पड़ता है. आइए सुंदरता की मिसाल पिंडारी के बारे में जानते हैं.
पिंडारी ग्लेशियर तक पहुंचने के लिए करीब 40-50 किलोमीटर की ट्रेकिंग करनी होती है. रास्ते में घने जंगल, पहाड़ी गांव, नदियां और बर्फ से ढके पहाड़ मिलते हैं.
पिंडारी ग्लेशियर के ट्रेक को पूरा करने में 6-7 दिन लगते हैं. यहां तक पहुंचने का रोमांच ही अलग है.
पिंडारी की हवा में ताजगी है, पेड़-पौधों में हरियाली है और नजारों में एक शांत ऊर्जा. सूरज की पहली किरण जब बर्फ की चोटियों पर पड़ती है, तो नज़ारा किसी पेंटिंग से कम नहीं लगता.
पिंडारी के रास्ते में आपको हिमालयी जानवरों की झलक भी मिल सकती है. कस्तूरी मृग, हिमालयन मोनाल और कई दुर्लभ पक्षी इस क्षेत्र को और खास बनाते हैं.
बर्फ से ढंके पिंडारी ग्लेशियर तक पहुंचने का रास्ता बहुत कठिन है लेकिन ये जगह खूबसूरत है. पिंडारी समुद्र तल से 3,853 मीटर की ऊंचाई पर है.
पिंडारी के रास्ते में छोटे-छोटे गांव और होमस्टे मिलते हैं जहां स्थानीय लोग बेहद गर्मजोशी से स्वागत करते हैं. यहां का खाना और संस्कृति एक अलग ही अपनापन देती है.
पिंडारी ग्लेशियर जाने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, वहां से बागेश्वर और फिर खाती गांव तक सड़क मार्ग है.खाती से आगे पैदल ट्रैकिंग शुरू होती है.
पिंडारी ग्लेशियर सिर्फ एक ट्रैकिंग स्पॉट नहीं, ये आत्मा को छू जाने वाली जगह है. यहां की शांति, प्रकृति और सरलता आपके दिल में हमेशा के लिए बस जाती है.
नोट- यहां बताई गईं सभी बातें सामान्य जानकारी पर आधारित है. Gnttv.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.