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फ्लाइट को सबसे अच्छा और सबसे तेज व्हीकल माना जाता है. प्लेन से एक-देश से दूसरे देश जाना आसान हो गया है.
हाल के समय में प्लेन क्रैश जैसे कई सारे हादसे सामने आ रहे हैं. ऐसे में प्लेन की बारिकियां जानना चाहते हैं.
प्लेन की खिड़कियां आमतौर पर सील्ड होती हैं. फ्लाइट के दौरान इन्हें खोलना नामुमकिन है लेकिन अगर मान लीजिए खिड़की खुल जाए तो?
प्लेन के अंदर और बाहर का प्रेशर बहुत अलग होता है. खिड़की खुलते ही केबिन प्रेशर तुरंत ड्रॉप करेगा. इसे केबिन डिप्रेशराइजेशन कहते हैं.
हवा में ऑक्सीजन बहुत कम होती है. प्रेशर कम होते ही सांस लेना मुश्किल हो जाएगा. ऐसे हालात में ऑक्सीजन मास्क ऑटोमैटिक गिरते हैं.
हवा का तेज दबाव बाहर की तरफ होगा. लूज़ सामान, कागज़, और यहां तक कि लोग भी बाहर खिंच सकते हैं. ये स्थिति बहुत ही खतरनाक होती है.
इतनी ऊंचाई पर तापमान -50°C तक होता है. शरीर बहुत तेजी से ठंडा हो सकता है. ऑक्सीजन की कमी से बेहोशी या मौत भी हो सकती है.
ऐसी स्थिति में पायलट तुरंत विमान को नीची ऊंचाई पर लाते हैं. ताकि प्रेशर और ऑक्सीजन नॉर्मल हो सके. यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर सेकंड मायने रखता है.
हवा में खिड़की खुलना सिर्फ फिल्मों में ही होता है. असलियत में ये संभव नहीं है. प्लेन की खिड़की बहुत ज्यादा मजबूत होती हैं.
नोट- यहां बताई गईं सभी बातें सामान्य जानकारी पर आधारित है. Gnttv.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.